MP Scholarship: मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के 4 नियम बदले

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना MMVY में सरकार कुछ अहम बदलाव करने जा रही है। अभी तक MMVY की सबसे बड़ी समस्या माता-पिता की वार्षिक आय में बदलाव था। बताया जा रहा है कि सरकार इस समस्या का समाधान करने जा रही है।

योजना के तहत चयनित होने वाले छात्र के लिए यह अनिवार्य है कि उसके माता-पिता की कुल वार्षिक आय ₹600000 से अधिक न हो। शर्त पूरी होने पर छात्र को छात्रवृत्ति मिलने लगती है। वह कॉलेज में एडमिशन लेता है। प्रथम वर्ष पूरा होने के बाद छात्र को अपने माता-पिता का आय प्रमाण पत्र फिर से जमा करना होता है। यदि माता-पिता की वार्षिक आय इस वर्ष ₹600000 से अधिक है, तो योजना का लाभ नहीं मिलता है। छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि एक बार कोर्स (2 साल या 3 साल) में एडमिशन हो जाने के बाद सरकार डिग्री पूरी होने से पहले सहायता कैसे रोक सकती है.

MMVY- में अब ये बदलाव होने वाला है

rules change of MP Medhavi Vidyarthi Yojana

हर साल वार्षिक आय होने की शर्त रहेगी लेकिन इसकी सीमा रू 600000 से बढ़ाकर रू 1000000 की जा रही है। यानी प्रवेश लेने के बाद अगले साल माता-पिता की आय में थोड़ी वृद्धि हो जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी।

पॉलिटेक्निक और बी-फार्मा के छात्रों को योजना का लाभ मिलेगा यदि वे क्रमशः बीई द्वितीय वर्ष या बी-फार्मा (लेटरल एंट्री) में प्रवेश लेते हैं। फिलहाल लेटरल एंट्री लेकर योजना की पात्रता हासिल नहीं की जा सकती थी।

NEET और CLAT में प्रवेश के लिए अर्हक परीक्षा पास करने वालों की रैंक तय की जाएगी जो क्रमश: 50 हजार और 3 हजार तक होगी. इसके बाद छात्रों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अभी तक कोई योग्यता नहीं थी। मप्र के मूल निवासी सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेते थे, उनकी फीस जमा की जाती थी।

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के इन नियमों और शर्तों में कोई बदलाव नहीं

एमपी का मूल निवासी होना चाहिए
एमपी बोर्ड में 12वीं की परीक्षा में 70% या उससे अधिक अंक,
सीबीएसई-आईसीएसई में 85% या उससे अधिक
जेईई-मेन्स में रैंक की मेरिट 1 लाख 50 हजार तक होगी।
शासकीय महाविद्यालय की पूर्ण फीस का भुगतान किया जायेगा किन्तु निजी महाविद्यालय के 1 लाख 50 हजार तक अथवा वास्तविक शुल्क जो भी कम हो।

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