MP NEWS: मध्यप्रदेश के एकीकृत विद्यालयों में शिक्षकों का समायोजन, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी

लोक शिक्षण निदेशालय मध्य प्रदेश ने सभी एकीकृत विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन का आदेश जारी किया है। यह स्पष्ट किया गया है कि कक्षा 11 और कक्षा 12 के केवल व्याख्याता / उच्च माध्यमिक शिक्षक कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके बाद यदि कोई रिक्ति रह जाती है तो अतिथि शिक्षक की भर्ती की जाएगी।

लोक शिक्षण निदेशालय द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि एक विद्यालय एक परिसर योजना के क्रियान्वयन के फलस्वरूप बड़ी संख्या में माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों, जो पहले पृथक-पृथक संचालित होते थे, अब एकीकृत रूप से संचालित हो रहे हैं और इसमें कक्षा 6 से 10 तक पठन-पाठन गतिविधियां की जा रही हैं । उपरोक्त एकीकृत प्रणाली के लागू होने से माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में पहले से पदस्थापित शिक्षक अब एकीकृत विद्यालयों के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

अतः संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की दृष्टि से एकीकृत विद्यालयों में कार्यरत ऐसे सभी शिक्षकों द्वारा कक्षा 05वीं से 10वीं तक की कक्षाओं को समान रूप से पढ़ाया जाएगा। पूर्व के प्रावधान के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में न्यूनतम 03 तथा उच्च विद्यालयों में न्यूनतम 06 शिक्षक के स्थान पर अब ऐसे एकीकृत (6 से 10) विद्यालयों में न्यूनतम 06 शिक्षक ही उपलब्ध होंगे।

सभी एकीकृत विद्यालयों में जहां व्याख्याता/उच्च माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्यापन कार्य किया जाएगा। मंशा यह है कि उनके विषय की 11वीं और 12वीं कक्षाओं को व्याख्याता/उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा पढ़ाने के अलावा 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं में शिक्षण कार्य भी विद्यालय की शैक्षिक आवश्यकता के अनुसार किया जाएगा.

उपरोक्त कक्षाओं में 6वीं से 10वीं तक का अध्यापन व्याख्याता/उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा उनके स्नातक के विषय के आधार पर किया जायेगा। आम तौर पर सभी व्याख्याताओं/उच्च माध्यमिक शिक्षकों/शिक्षकों/माध्यमिक शिक्षकों द्वारा एक दिन में 06 पीरिएड को पढ़ाया जाएगा। 3/अतिथि शिक्षकों की मांग सभी एकीकृत विद्यालयों में उपरोक्तानुसार शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही आवश्यक होने पर ही स्वीकृत की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऊपर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। आदेश का पालन न करने की स्थिति में संबंधित लोक सेवक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

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